There were 8 entries submitted in this pair during the submission phase, 7 of which were selected by peers to advance to the finals round.Entries may now be compared and ranked by peers to determine the winner(s).When voting, contestants in this pair may include their own entries among those they designate as the top three. However, in such cases, points will be applied only to entries other than one's own. |
- "उभय-हस्त बनने के लिए मैं अपना दाहिना हाथ तक दे सकता हूँ।" - "जब सामने दोराहा हो, तो उसे लें।" - "आप बस देखकर भी बहुत कुछ अवलोकन कर सकते हैं।" - "अब वहाँ कौन जाता है! वहाँ बहुत भीड़ होती है।" - "जब मैं सोचता हूँ तो मैं ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता।" - "भविष्य अब वैसा नहीं है जैसा हुआ करता था।" - "मैं अपने बच्चों के लिए विश्वकोश नहीं ख़रीदूँगा। उन्हें स्कूल जाना चाहिए जैसे मैं गया था।" - "हम खो गए हैं, लेकिन हम समय पर हैं।" - "वे मेरे बारे में जो आधा झूठ बताते हैं, वह सच नहीं हैं" - "अब निकल का मूल्य पैसे के बराबर नहीं रहा।" - "यह कुछ लौटने जैसा है, फिर से वही सब।" - "बात तब तक ख़त्म नहीं होती जब तक वह ख़त्म नहीं होती।" - श्रीमती लिंडसे:"आप निश्चित रूप से कूल लगते हैं।"योगी बेरा:"शुक्र है, आप खुद इतनी हॉट नहीं लगतीं।" - "अगर दुनिया पूर्ण होती, तो यह नहीं होती।" | Entry #11170 Finalist |
- "दोनों हाथों से कुशल होने के लिए तो मैं कुछ भी कुर्बानी दे दूं, अपना दायां हाथ भी।" - "जब आप जीवन में दोराहे पर आ जाएं तो सोचना क्या, आगे बढ़ें।" - "यदि आप गौर से देखेंगे तो बहुत कुछ नज़र आ जाएगा।" - "अब वहां कोई नहीं जाता। वहां बहुत भीड़ रहती है।" - "जब मैं सोच रहा होता हूं तो ध्यान एकाग्र नहीं कर पाता।" - "भविष्य अब वैसा नहीं रहा जैसा होता था।" - "मैं अपने बच्चों के लिए ज्ञानकोष नहीं खरीदने वाला। वे स्कूल जाकर सीख लेंगे, मैंने भी तो यही किया था।" - "हम भटक गए हैं लेकिन कोई बात नहीं, तेजी से तो बढ़ ही रहे हैं।" - "आधे झूठ जो वे मेरे बारे में बोलते हैं, सच नहीं होते।" - "एक पैसे की कीमत अब धेले भर भी नहीं रही।" - "अरे, यह तो भूतकाल की जानी-पहचानी घटना लगती है, फिर से वही घट रहा है।" - "खेल अभी बाकी है, जब तक पूरा नहीं हो जाता।" - मिसेज लिंद्जी: "निस्संदेह आप बहुत शीतल लगते हैं, शबनम की तरह।" योगी बेरा: "धन्यवाद, आप भी कोई शोला तो नहीं लगतीं।" - "अगर दुनिया एकदम दोषहीन हो जाए तो परिपूर्ण नहीं रह जाएगी।" | Entry #11680 Finalist |
- “मैं अपनी दाहिनी भुजा सव्यसाची को दूंगा.” - "जब तुम दोराहे पर आओ तो, उसे ले लेना." - "तुम अन्दर देख कर ही बहुत कुछ निरख लोंगे." - "वहाँ अब कोई भी जाता नहीं. वहाँ बड़ी भीड़ भरी है.” - " जब मैं सोचता हूँ तो मन नहीं लगा पाता हूँ." - "भविष्य ऐसा नहीं है जैसा होता है." - "मैं अपने बच्चों को विश्वकोश नहीं दूंगा. उन्हें भी स्कूल जाने दो जैसा मैं करता था.” -“हम खो चूके है, लेकिन हम अच्छे पल बना रहे हैं.” - "उनके कहे मेरे सौ झूठ में पचास सही नहीं हैं." - "चमक की अब कींमत कौड़ी नहीं है." - "यह सब फिर से पुर्वानुभव जैसा है." - "जब तक ये खत्म न हो कुछ भी समाप्त नहीं है." - श्रीमती लिंडसे: "आप निश्चित ही शांत दिख रहे है." योगी बेर्रा: "धन्यवाद, आप अपने आप उतनी उष्ण नहीं लगती हो।" -"अगर दुनिया परिपूर्ण होती, तो यह नहीं होगा." | Entry #11224 Finalist |
-"मैं सव्यसाची बनने के लिए अपनी दायीं बांह दे दूंगा|" -"यदि सड़क पर आपको काँटा पड़ा मिले तो आप इसे उठा लें|" -"आप देखकर ही काफ़ी कुछ सीख सकते हैं|" -"अब वहाँ कोई भी नहीं जाता है| यह काफ़ी भीड़भाड़ वाली जगह है|" -"मैं सोचते समय अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता हूँ|" -"पहले की तरह भविष्य नहीं रहा|" -"मैं अपने बच्चों के लिए इनसाइक्लोपीडिया नहीं खरीदूंगा| वे वैसे ही स्कूल जाएं, जिस तरह मैं जाया करता था|" -"हमारे पास कुछ नहीं था, लेकिन हमारा समय अच्छी तरह से गुजर रहा था|" -"मेरे बारे में वो आधी बातें झूठ कहते हैं|" -"गिलट की कीमत दस सेंट के बराबर भी नहीं है|" -"यह पूर्वानुभव जैसा है|" -"यह तब तक खत्म नहीं होगा जब तक यह खत्म नहीं होता|" -"श्रीमती लिंडसे: "आप यकीनन आकर्षक दिखते हैं|" योगी बेरा: "शुक्रिया, आप स्वयं उतनी हॉट नहीं दिखतीं|" -"काश! यह दुनिया परिपूर्ण होती तो यह नहीं होता|" | Entry #11290 Finalist |
- “दुहत्था होने के लिए तो मैं अपना दाहिना हाथ कुर्बान कर दूं|” - “राह में जब कांटा मिले, तो उठाओ और बिस्मिल्लाह करो|” - “आंखें खुली रखो तो तुम बहुत कुछ देख सकते हो|” - “अब वहां कोई नहीं जाता| वहां बहुत भीड़-भड़क्का है|” - “सोचते समय मैं एक चीज़ पर ध्यान नहीं दे सकता|” - “कल अब वह नहीं रहा जैसा पहले हुआ करता था|” “मैं अपने बच्चों को कोई एनसायक्लोपीडिया खरीद कर नहीं देने वाला| उन्हें भी स्कूल तक चल कर जाने दो जैसे मैं जाता था|” - “हम भटक गए हैं, लेकिन हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं|” - “मेरे बारे में वे जितने झूठ बोलते हैं उनमें से आधे सच नहीं होते|” - “एक रुपये की कीमत धेलाभर भी नहीं रह गयी है|” - “यह तो फिर से देजा व्यू वाली बात हो गयी|” - “बात तब तक खत्म नहीं होती जब तक कि बात खत्म नहीं हो जाती|” - श्रीमती लिंडज़े: “तुम तो बहुत कूल लग रहे हो|” योगी बर्रा: “शुक्रिया, आप भी कुछ कम ठंडी नहीं दिख रहीं हैं|” - “अगर दुनिया हर मायने में सही और आदर्श होती, तो इसे दुनिया क्यों कहते|” | Entry #11237 Finalist |
-"दोनो हाथों से एक जैसा काम लेने वाला बनने के लिये मैं कुछ भी कीमत चुकाने को तैयार हूँ।" -"जब दोराहे पर खड़े हों तो दोनो रास्तों पर चलने का प्रयास करिये।" -"सिर्फ देखने से ही आप काफी कुछ सीख सकते हैं।" -"अब वहाँ कोई नहीं जाता। वहाँ अब पहले से ही काफी भीड़-भाड़ है।" -"सोचते समय मैं एकाग्र नहीं हो सकता।" -"भविष्य अब भूतकाल जैसा नहीं दिखता है।" -"मैं बच्चों को घर बैठे नहीं सीखने दूंगा। सीखने के लिये, उनको भी मेरी तरह स्कूल जाना होगा।" -"हलांकि हम खो गये हैं फिर भी मौज कर रहे हैं।" -"मेरे बारे बोली गयी झूठी बातों में से आधी सही नहीं हैं।" -"पैसों की अब कोई कीमत नहीं है।" -"यह कुछ ऐसा है जैसा पहले हो चुका है।" -"जब तक वाकई पूरा न हो जाय तक तक इसे पूरा मत समझिये।" -श्रीमती लिंडसेः "आप वाकई जबरदस्त दिख रहे हैं।"योगी बेराः "धन्यवाद, लेकिन आप उतनी जबरदस्त नहीं लग रही हैं।" -"यदि दुनिया संपूर्ण होती तो इसका अस्तित्व ही नहीं होता।" | Entry #11918 Finalist |
"उभयहस्त होने के लिए मैं अपना दायाँ हाथ प्रयुक्त करूँगा " "जब आपको पथ में काँटा चुभे तो उसे ग्रहण करें " "देख कर आप काफी कुछ का अध्ययन कर सकते हैं " " अधिक भीड़ भाद होने के कारण अब वहाँ कोई नहीं जाता " "मैं सोचते समय एकाग्रचित्त नहीं हो पाता " "भविष्य अब पहले की तरह नहीं रहा " मैं अपने बच्चों के लिए विश्वकोश नहीं खरीदूंगा .उन्हें मेरी तरह विद्यालय से ज्ञानार्जन करने दो " "हम खो चुके हैं परन्तु हम अच्छा समय व्यतीत कर रहे हैं " "वे मेरे बारे में जो भी झूठ कह रहे हैं वह सत्य नहीं है " "एक निकल का मूल्य अब एक पासे का भी नहीं है " "यह सम्पूर्ण पूर्वानुभव है " "सब कुछ समाप्त नहीं होने तक अंत नहीं है " - श्रीमती लिंडसे "आप वास्तव मैं शांत दिख रहे हैं ." योगी बेर्रा : "धन्यवाद , आप भी बहुत अशांत नहीं दिख रही हैं " "यदि दुनिया परिपूर्ण होती , तो यह नहीं होती " | Entry #11801 Finalist |